Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana application process 2024:- जैसा कि सभी जानते हैं, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ बच्चों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने कई योजनाएं शुरू की हैं। बिहार सरकार ने भी ऐसा ही एक कार्यक्रम शुरू किया है। बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना नाम है। सभी बच्चे जिनके माता-पिता कोरोना वायरस संक्रमण से मर गए हैं, उन्हें इस योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता दी जाएगी। Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana के बारे में इस लेख को पढ़ें। बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता कार्यक्रम का उदाहरण क्या है?उसकी विशेषताएं, गुण, लाभ, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया आदि।
Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana क्या है?
30 मई 2021 को बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के माध्यम से उन बच्चों को आर्थिक और आवासीय सहायता दी जाएगी जिनके माता-पिता या माता-पिता में से किसी एक कोरोनावायरस संक्रमण से मर गए हैं। ऐसे सभी बच्चों को 18 वर्ष की आयु होने तक ₹1500 की राशि दी जाएगी। इसके अलावा, सभी बच्चे जिनके अभिभावक नहीं हैं, उनकी देखरेख बालगृह से की जाएगी। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनाथ बच्चियों को नामांकन मिलेगा। आपको इस योजना का लाभ उठाने के लिए जल्दी से आवेदन करना होगा।
Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana का उद्देश्य
योजना का मुख्य लक्ष्य है कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ बच्चों को पैसे देना, ताकि वे अपनी आर्थिक कमी से निपट सकें। इस योजना से बच्चों को अब दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वे आत्मनिर्भर बनेंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा क्योंकि इस योजना से आर्थिक सहायता मिलेगी। Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana भी ऐसे बच्चों को घर देगा जिनके अभिभावक नहीं हैं।
Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana |
किसने आरंभ की | बिहार सरकार |
लाभार्थी (Beneficiary) | कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चे। |
उद्देश्य (Objective) | कोरोना वायरस के कारण अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करना। |
official website | जल्द लॉन्च की जाएगी |
साल | 2024 |
आर्थिक सहायता | ₹1500 |
आवेदन का प्रकार | online/offline |
Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana के लाभ तथा विशेषताएं
- बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 30 मई 2021 को Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana 2024 को शुरू किया।
- कोरोनावायरस संक्रमण के कारण अनाथ बच्चों को इस योजना के माध्यम से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- ₹1500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- जिन बच्चों के अभिभावक नहीं हैं, उनको आवासीय सहायता भी दी जाएगी।
- बालगृह इस आवासीय सहायता को प्रदान करेगा।
- वंचित बच्चियों को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन मिलेगा।
- Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana का लाभ केवल 18 वर्ष से कम आयु वाले लोगों को मिल सकता है।
Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana की योग्यता एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज
- आवेदक बिहार का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या फिर 18 वर्ष से कम होनी चाहिए।
- आधार कार्ड (Aadhar card)
- निवास प्रमाण पत्र (Address proof)
- आय प्रमाण पत्र (income certificate)
- राशन कार्ड (Ration card)
- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (death certificate of parents)
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ (passport size photograph)
- मोबाइल नंबर (mobile number)
Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana application process
बिहार बाल सहायता योजना 2024 के लिए आवेदन करने के लिए अभी कुछ समय लगेगा। इस योजना की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। बिहार सरकार जल्द ही Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू करेगी। हम आपको अपने माध्यम से सूचित करेंगे जैसे ही बिहार सरकार द्वारा इस योजना से संबंधित कोई भी जानकारी दी जाएगी। कृपया इस लेख से जुड़े रहे।
Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana FAQs
बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना क्या है?
बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना एक सरकारी योजना है जो गरीब और निराधार बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इसका मुख्य उद्देश्य उन बच्चों के भविष्य को सुनिश्चित करना है जो नामी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय हैं।
कौन कौन से बच्चे इस योजना के लिए पात्र हैं?
इस योजना के लिए पात्र बच्चों की आयु सीमा 18 वर्ष से कम होनी चाहिए और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होनी चाहिए।
योजना के लिए आवेदन कैसे किया जा सकता है?
योजना के लिए आवेदन स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों या आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से किया जा सकता है। आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची या प्रक्रिया स्थानीय अधिकारियों द्वारा निर्धारित की जाती है।