हरियाणा सरकार ने महिलाओं और बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए Lado Sakhi Yojana 2025 की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 28 जुलाई 2025 को अंबाला में हरियाली तीज उत्सव के दौरान इस योजना का शुभारंभ किया। यह योजना बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को मजबूत करने, गर्भवती महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित करने, और लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए डिज़ाइन की गई है।
Lado Sakhi Yojana क्या है?
लाडो सखी योजना हरियाणा सरकार की एक अनूठी पहल है, जो गर्भवती महिलाओं और नवजात बेटियों के स्वास्थ्य और देखभाल को प्राथमिकता देती है। इस योजना के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, और सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) को “लाडो सखी” के रूप में नियुक्त किया जाता है। ये लाडो सखी गर्भवती महिलाओं की प्रसव प्रक्रिया के दौरान व्यक्तिगत देखभाल और निगरानी करती हैं। साथ ही, प्रत्येक बेटी के जन्म पर लाडो सखी को 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिससे बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन मिलता है और लिंगानुपात में सुधार होता है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
लाडो सखी योजना के निम्नलिखित लक्ष्य हैं:
- लिंगानुपात में सुधार: 2014 में हरियाणा का लिंगानुपात 871 था, जो 2025 में बढ़कर 906 हो गया है। इस योजना का लक्ष्य इसे और बेहतर करना है।
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा: बेटियों के जन्म, स्वास्थ्य, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
- गर्भवती महिलाओं की देखभाल: प्रसव के दौरान लाडो सखी द्वारा सहायता प्रदान करना, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आए।
- महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देकर उनकी आय बढ़ाना।
- सामाजिक जागरूकता: बेटियों के प्रति समाज की सोच को सकारात्मक बनाना।
लाडो सखी योजना के लाभ
- प्रोत्साहन राशि: प्रत्येक बेटी के जन्म पर लाडो सखी को 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि।
- बेटियों के लिए समर्थन: योजना बेटियों के जन्म को बढ़ावा देती है और उन्हें आपकी बेटी-हमारी बेटी योजना (21,000 रुपये की सहायता) जैसी अन्य योजनाओं से जोड़ती है।
- आर्थिक अवसर: लाडो सखी के रूप में कार्य करने वाली महिलाओं को अतिरिक्त आय का स्रोत।
- लिंगानुपात में सुधार: बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करके हरियाणा के लिंगानुपात को संतुलित करना।
- स्वास्थ्य सुधार: गर्भवती महिलाओं और नवजात बेटियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ।
Read Also:- Bima Sakhi Yojana 2025
पात्रता मानदंड
लाडो सखी के लिए:
- हरियाणा का स्थायी निवासी होना अनिवार्य।
- केवल आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, या ANM ही लाडो सखी बन सकती हैं।
- गर्भवती महिलाओं की देखभाल और निगरानी की जिम्मेदारी लेने की क्षमता।
लाभार्थी (गर्भवती महिलाएं):
- हरियाणा की स्थायी निवासी।
- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पंजीकृत परिवार।
- सरकारी या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए पंजीकरण।
आवेदन प्रक्रिया
लाडो सखी योजना की आवेदन प्रक्रिया अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन संभावित प्रक्रिया निम्नलिखित हो सकती है:
ऑफलाइन आवेदन:
- गर्भवती महिलाएँ: अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, या महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यालय में संपर्क करें।
- लाडो सखी के लिए: आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, या ANM को अपने विभाग (जैसे, स्वास्थ्य विभाग या ICDS) में पंजीकरण कराना होगा।
- दस्तावेज जमा करें: आधार कार्ड, निवास प्रमाण, स्वास्थ्य कार्ड (गर्भवती महिलाओं के लिए), और कार्यकर्ता का पहचान पत्र।
ऑनलाइन आवेदन (संभावित):
- हरियाणा सरकार जल्द ही socialjusticehry.gov.in या wcdhry.gov.in पर एक पोर्टल शुरू कर सकती है।
- होमपेज पर “लाडो सखी योजना” के लिए “रजिस्ट्रेशन” लिंक पर क्लिक करें।
- परिवार पहचान पत्र (PPP) या आधार नंबर के साथ लॉगिन करें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।
- पावती नंबर नोट करें और आवेदन स्थिति ट्रैक करें।
Lado Sakhi Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र (जैसे, राशन कार्ड, बिजली बिल)
- गर्भवती महिला का स्वास्थ्य कार्ड (ANC कार्ड)
- आंगनवाड़ी/आशा/ANM का पहचान पत्र
- बैंक खाता विवरण (DBT के लिए)
योजना की उपलब्धियाँ (2025 तक)
- लिंगानुपात में सुधार: हरियाणा का लिंगानुपात 2014 में 871 से बढ़कर 2025 में 906 हो गया है।
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी: जुलाई 2025 तक 5,000 से अधिक लाडो सखी नियुक्त की गईं।
- स्वास्थ्य सुधार: गर्भवती महिलाओं की देखभाल में 20% सुधार, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में।
- सामाजिक प्रभाव: बेटियों के जन्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में वृद्धि।
लाडो सखी योजना और लाडो लक्ष्मी योजना में अंतर
लाडो सखी योजना को लाडो लक्ष्मी योजना से भ्रमित नहीं करना चाहिए:
- लाडो सखी योजना: बेटियों के जन्म और गर्भवती महिलाओं की देखभाल पर केंद्रित। लाडो सखी को 1,000 रुपये प्रति बेटी जन्म पर प्रोत्साहन।
- लाडो लक्ष्मी योजना: बीपीएल महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
2025 में नवीनतम अपडेट्स
- लॉन्च इवेंट: 28 जुलाई 2025 को तीज उत्सव में योजना शुरू।
- महिला संस्कृति केंद्र: 131 केंद्रों का उद्घाटन, जो महिलाओं को सांस्कृतिक और सामाजिक मंच प्रदान करेंगे।
- डिजिटल बाल कार्यक्रम: आंगनवाड़ी केंद्रों में “बढ़ते कदम” डिजिटल शिक्षा कार्यक्रम शुरू।
- DIY किट: 10,000 छात्राओं को स्वरोजगार के लिए “Do It Yourself” किट वितरित।
- पोर्टल लॉन्च: अगस्त 2025 तक ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल शुरू होने की संभावना।
पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. लाडो सखी योजना क्या है?
यह हरियाणा सरकार की एक स्कीम है, जो गर्भवती महिलाओं की देखभाल और बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करती है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, और ANM को लाडो सखी बनाया जाता है।
2. लाडो सखी को कितनी राशि मिलेगी?
प्रत्येक बेटी के जन्म पर 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि।
3. कौन पात्र है?
हरियाणा की गर्भवती महिलाएँ और आंगनवाड़ी/आशा/ANM कार्यकर्ता जो स्थायी निवासी हैं।
4. आवेदन कैसे करें?
नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। ऑनलाइन पोर्टल जल्द शुरू होगा।
5. लाडो सखी और लाडो लक्ष्मी योजना में क्या अंतर है?
लाडो सखी योजना बेटियों के जन्म और गर्भवती महिलाओं की देखभाल पर केंद्रित है, जबकि लाडो लक्ष्मी योजना बीपीएल महिलाओं को 2,100 रुपये मासिक देती है।
1 thought on “Lado Sakhi Yojana 2025: हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा, गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए नई पहल”
Comments are closed.